भावुकता और कारोबार .
वह किसी भाई से
किसी को खलास करने
की
सुपारी लेकर आया है
बीमार बहन की मेडिकल
रिपोर्ट देख
बार बार भींच रहा है
मुट्ठियाँ
उसे इलाज कर रहे
डॉक्टर से कोई गिला नहीं
अलबत्ता अपने
मुकद्दर से बेहद नाराज है.
वह शुभचिंतकों से
सुन आया है
चिमटे वाले बाबा के
चमत्कार की गौरव गाथाएं
उसे डॉक्टर की
कारगुजारी पर भरोसा है
और बाबा की अलौकिकता
पर भी है
आंशिक यकीन
वह दवा और दुआ में
से
किसी एक को चुनने
में कतराता है.
वह देख रहा है
अपनी बहन को धीरे
धीरे मरता
अपने टारगेट की
हँसती खिलखिलाती जिंदगी की
रत्ती भर भी फ़िक्र
नहीं
उसे अपनी पतलून में
खोंसी गये
इंग्लिश घोड़े की
लिबलिबी पर
लेशमात्र भी संदेह
नहीं है.
उसकी जेब में रबर
छल्ले में लिपटे
नोटों के गुल्ले हैं
जिन पर बापूजी दायें
कोने पर अंकित हैं
और तार से बनी उनकी
गोलाकार ऐनक वाम कोने पर
यदि इस पर हिटलर और
उसकी तितली कट मूंछ
रही होती
तब भी ये सुपारी
होने के बावजूद
फरफराते हुए करेंसी
नोट ही होते.
बहन उसकी भावुकता है
सुपारी उसके
कारोबार का कूटशब्द
दवा और दुआ के बीच
मौत एक अदद जिंदा
लफ्ज़ है
उसे अच्छे से पता है
हर किसी को किसी न
किसी दिन
वक्त बेवक्त फरार होना ही है.
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