एक बार की बात
एक बार की बात है
एक बार की बात है
एक बार की बात है
एक बार की बात है
एक दरख़्त की डाल पर
लकड़हारे की कुल्हाड़ी
चली
परिंदों से छिने
उनके घरबार
बिना खिले फूल
मिट्टी में जा मिले
फलित सम्भावनाये नदारद हुई
हरियाली की सौगात
लिए
आती बादलों की कतार
लौट गयी उलटे पांव
एक बार की बात है
आदमी ने सीख ली
कद्दावर दरख्तों को
फर्नीचर में
बदलने की तकनीक
पेड़ों की जान ही सांसत में फंसी
अब कुर्सियों ही
कुर्सियां है चारो ओर
मेज पर रखे गुलदान
में सजते हैं
प्लास्टिक के
निर्गन्ध फूल।
एक बार की बात है
लकड़ी के व्यपारी ले
आये स्वचालित आरे
लकड़हारे काटने लगे लकड़ी
जंगल के जंगल गायब हुए
अब बयार तितली फूल
रंग सुगंध की बात कौन करे ।
एक बार की बात है
यह आजकल की वारदात
है
हरतरफ वनैली गन्ध फैली
हिंस्र आदमियत ने ओढ़
लिए
शातिर मुखौटे
अब वे बतियाते नहीं
गुर्राते हैं।
एक बार की बात है
देखते ही देखते
हरियाली रक्ताभ हुई
परिंदों के कण्ठ में
बसी
मधुरिम स्वर लहरी गुम हुई
चन्द मसखरे बचे हैं
अपनी ढपली पर बजाते
तरक्की के बेसुरे
राग।
एक बार की बात है
न कहने लायक कुछ बचा
न सुनने को उत्सुक
कोई रहा
यह रोजमर्रा की बात है.
यह रोजमर्रा की बात है.
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