शनिवार, 25 दिसंबर 2021

मेरी कविता में ..

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मोची राम

लड़कियों के खवाब  कोई कहीं घुमाती होगी सलाई रंगीन ऊन के गोले बेआवाज़ खुलते होंगे मरियल धूप में बैठी बुनती होगी एक नया इंद्रधनुष. लड़कियां कितनी...