नींद और राजकुंवर
मैं सोते हुए खर्राटे लेता हूँ
इस बात का मेरे सिवा
सबको अरसे से पता है
कोसों दूर राजमहल में इससे
ध्वनिरोधी शयनकक्ष में सोते राजकुंवर की
नींद में खलल पड़ता है.
इस बात का मेरे सिवा
सबको अरसे से पता है
कोसों दूर राजमहल में इससे
ध्वनिरोधी शयनकक्ष में सोते राजकुंवर की
नींद में खलल पड़ता है.
मेरी नींद संदेह के घेरे में है
राज गुप्तचरों को पता लगा है कि
उसमें घोड़ों की जमकर खरीद फरोख्त होती है
तमाम घुड़सवारों का एकजुट हो जाना
सात पहरों में रहते राजकुंवर के लिए
खतरे की घनघनाती हुई घंटी है.
राज गुप्तचरों को पता लगा है कि
उसमें घोड़ों की जमकर खरीद फरोख्त होती है
तमाम घुड़सवारों का एकजुट हो जाना
सात पहरों में रहते राजकुंवर के लिए
खतरे की घनघनाती हुई घंटी है.
मैं मुहं अँधेरे कभी नहीं उठता
दिन चढ़े तक सोता हूँ
इत्मिनान की चादर ताने
मच्छरों के दंश और उजाले से
खुद को बखूबी बचाता
राजसिंहासन के लिए यह डरावनी खबर है.
दिन चढ़े तक सोता हूँ
इत्मिनान की चादर ताने
मच्छरों के दंश और उजाले से
खुद को बखूबी बचाता
राजसिंहासन के लिए यह डरावनी खबर है.
राजघराने के लिए
राजकुंवर का कच्ची नींद में जाग जाना
बहुत बड़ी मुसीबत है
और मेरा रोज नींद में उतरना
बगावत की पदचाप
महल की सुरक्षा में सुराख़ हो गये हैं.
राजकुंवर का कच्ची नींद में जाग जाना
बहुत बड़ी मुसीबत है
और मेरा रोज नींद में उतरना
बगावत की पदचाप
महल की सुरक्षा में सुराख़ हो गये हैं.
जब मैं चैन से सोता हूँ
राजकुंवर पैर पटक पटक कर रोता है
उसकी जिद है कि उसे हर हाल में
मेरे वाले खर्राटे ही चाहिए
राजपाट पाने से पहले उसे
प्रजा की गहरी नींद चाहिए.
राजकुंवर पैर पटक पटक कर रोता है
उसकी जिद है कि उसे हर हाल में
मेरे वाले खर्राटे ही चाहिए
राजपाट पाने से पहले उसे
प्रजा की गहरी नींद चाहिए.
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