कभी कभी : अगडम सगड़म दिनीं में
कलम की धमक से
हिल जाती हैं सरकारें
कभी कभी लेखक भी
कैसे कैसे चुटकुले गढ़ लेते हैं .
हिल जाती हैं सरकारें
कभी कभी लेखक भी
कैसे कैसे चुटकुले गढ़ लेते हैं .
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सोशल मीडिया पर उनके ख्याल
बड़े क्रांतिकारी होते हैं
कभी कभी प्रिंट मीडिया में जाकर
यह नए मुखौटे ओढ़ लेते हैं .
बड़े क्रांतिकारी होते हैं
कभी कभी प्रिंट मीडिया में जाकर
यह नए मुखौटे ओढ़ लेते हैं .
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एक रिटायर्ड संपादक
दिन भर बने रहते हैं समाज सुधारक
कभी कभी उनकी हिलती हुई दुम
असलियत की निशानदेही कर जाती है .
दिन भर बने रहते हैं समाज सुधारक
कभी कभी उनकी हिलती हुई दुम
असलियत की निशानदेही कर जाती है .
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चेहरे से टपकती मनहूसियत
वेश भूषा बेढंगी
कभी कभी तुरंत पता चल जाता है
ये बंदा तो कवि है .
वेश भूषा बेढंगी
कभी कभी तुरंत पता चल जाता है
ये बंदा तो कवि है .
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वे रात दिन दुम हिलाते हैं
कोई देख ले तो छुपा लेते हैं
कभी कभी ये पापी पेट
कैसे कैसे खेल सिखा देता है .
कोई देख ले तो छुपा लेते हैं
कभी कभी ये पापी पेट
कैसे कैसे खेल सिखा देता है .
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वह नहीं सीख पाई
अभिनय का ककहरा
कभी कभी केवल देह
डी.लिट बना देती है .
अभिनय का ककहरा
कभी कभी केवल देह
डी.लिट बना देती है .
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उनकी देह से खो गई है
रीढ़ की हड्डी
कभी कभी उसका न होना
कितना सुकून देता है .
रीढ़ की हड्डी
कभी कभी उसका न होना
कितना सुकून देता है .
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मेहनत करो आगे बढ़ो
कुछ न कुछ बन ही जाओगे
कभी कभी नसीहतें
सच कहने से कतराती हैं .
कुछ न कुछ बन ही जाओगे
कभी कभी नसीहतें
सच कहने से कतराती हैं .
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तुम मुझे कुछ न दो
मुझे यूं ही रहने दो
कभी कभी कुम्भकार के रीते हाथ
कमाल का शिल्प गढ़ते हैं .
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आंगन टेढ़ा था
वह यह सोच कर नहीं नाची
कभी कभी समतल सतह पर भी
पैर फिसल जाते हैं . .
मुझे यूं ही रहने दो
कभी कभी कुम्भकार के रीते हाथ
कमाल का शिल्प गढ़ते हैं .
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आंगन टेढ़ा था
वह यह सोच कर नहीं नाची
कभी कभी समतल सतह पर भी
पैर फिसल जाते हैं . .
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एक हाथ में कलम की तलवार
दूसरे में कागज की ढाल
कभी कभी कम्प्युटर बहादुरों के खिलाफ
ये हथियार कितने अधूरे पड़ जाते हैं .
दूसरे में कागज की ढाल
कभी कभी कम्प्युटर बहादुरों के खिलाफ
ये हथियार कितने अधूरे पड़ जाते हैं .
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महापुरुषों के चरण छूने से
मैं बहुत झिझकता हूँ
कभी कभी उनके चरणों की रज में
घातक जीवाणु पाए जाते हैं .
मैं बहुत झिझकता हूँ
कभी कभी उनके चरणों की रज में
घातक जीवाणु पाए जाते हैं .
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कल फिर घुडदौड होगी
अस्तबल से निकलेंगे अहंकारी घोड़े
कभी कभी प्यादों तक से
घोड़े हार जाते हैं .
अस्तबल से निकलेंगे अहंकारी घोड़े
कभी कभी प्यादों तक से
घोड़े हार जाते हैं .
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महापुरुष जी घर आये
सहम उठे सारे बच्चे
कभी कभी सम्मानितजन
खौफ का दौना लिए आते हैं .
सहम उठे सारे बच्चे
कभी कभी सम्मानितजन
खौफ का दौना लिए आते हैं .
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कविता लिखना या न लिखना
मेरा नितांत निजी मामला है
कभी कभी हमारी निजता
कैसे गुल खिलाती है .
मेरा नितांत निजी मामला है
कभी कभी हमारी निजता
कैसे गुल खिलाती है .
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मेरी कविताएँ कविता कम
शिकायती पत्र अधिक होती हैं
कभी कभी हमको उम्रभर
लिखने का सलीका नहीं आता .
शिकायती पत्र अधिक होती हैं
कभी कभी हमको उम्रभर
लिखने का सलीका नहीं आता .
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उसके घर आंगन में
बरस रही है बारिश
कभी कभी यह सोच कर
खोया हुआ छाता बहुत याद आता है .
बरस रही है बारिश
कभी कभी यह सोच कर
खोया हुआ छाता बहुत याद आता है .
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मेरे छाते की परिधि
बहुत कम निकली
कभी कभी मन बेचारा
यूं भी भीग जाता है .
बहुत कम निकली
कभी कभी मन बेचारा
यूं भी भीग जाता है .
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बच्चा बना रहा है
कागज की नाव
कभी कभी कागज़ी लम्हे
स्मृति का हिस्सा बन जाते हैं .
कागज की नाव
कभी कभी कागज़ी लम्हे
स्मृति का हिस्सा बन जाते हैं .
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बच्चा जानता है बनाना
सिर्फ कागज का हवाईजहाज़
कभी कभी बारिश में सपने
उड़ान को तरसते हैं
सिर्फ कागज का हवाईजहाज़
कभी कभी बारिश में सपने
उड़ान को तरसते हैं
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एक दिन वह आई थी
बारिश में नहाई हुई
कभी कभी वे भीगे पल
मन ढूँढता रह जाता है .
बारिश में नहाई हुई
कभी कभी वे भीगे पल
मन ढूँढता रह जाता है .
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