बरसों बरस की डेली पैसेंजरी के दौरान रची गई अनगढ़ कविताएँ . ये कवितायें कम मन में दर्ज हो गई इबारत अधिक हैं . जैसे कोई बिगड़ैल बच्चा दीवार पर कुछ भी लिख डाले .
सोमवार, 1 सितंबर 2025
साइन लैंग्वेज और कटफोड़वा की खट-खट
गुरुवार, 7 अगस्त 2025
लड़कियों के खवाब
कोई कहीं
घुमाती होगी सलाई
रंगीन ऊन के गोले
बेआवाज़ खुलते होंगे
मरियल धूप में बैठी
बुनती होगी
एक नया इंद्रधनुष.
लड़कियां
कितनी आसानी से उचक कर
पलकों पर टांग लेती हैं
सतरंगे ख्वाब.
अलविदा
बैग पैक करते हुए
उसने हवाओं से कहा
शायद आखिरी बार
तो अब?
इसका जवाब सादा था
पता था हमें
कहना बड़ा मुश्किल.
अलविदा .....
दुनिया का सबसे अधिक
जिंदा जावेद और जटिल लफ्ज़ है.
तितली और तानाशाह
उसके होठों के नीचे
तितली हमेशा बैठी मिली
तानाशाह कहाँ छुपाये रहा
उम्र भर अपना प्यार
और खिला हुआ
मकरंद से भरा गुलाब.
कविता और साजिश
इतिहास के पन्नों के बाहर
खांटी सच के इर्द -गिर्द
साफ़ लफ्जों में दर्ज है
कमोबेश हर तानाशाह
विध्वंस के मंसूबे बनाता
लिखता रहा
उसके हाशिये पर कवितायें.
मोची राम
साइन लैंग्वेज और कटफोड़वा की खट-खट
महामारी के भीषण दिनों में उन लोगों ने बातून नौनिहालों को जबरन सिखवाया सिर्फ इशारों ही इशारों में अपनी जरूरत भर की बात कह लेना किसी मूक बघिर...
-
सुबह सरकंडे की कुर्सी पर बैठ कर वह एक एक वनस्पति को निरखता माली के आने की बड़ी बेसब्री से बाट जोहता वह मौसम से अधिक माली क...
-
उसने लड़कों की तरह अपनी पेंट की दोनों जेबों में हथेलियों को छुपाया. इससे पहले अपने लहराते बालों को करीने से इस तरह सरकाया वह कुछ...