सोमवार, 7 जून 2021

वह बताती है



वह रह-रह कर हवाओं को

तरह-तरह के सपने सुनाती

लगता कि वह बाँच रही

विभिन्न शेड वाली लिपिस्टिक का तिलिस्म  

लिप ग्लॉस की करामाती खूबियाँ

सौंदर्य के ब्रह्मांड में विचरने के लिए

उसके अधरों को बहुत दूर तक जाना है

समय की रहस्यमय तह में गुम हो जाना है।

 

उसने भविष्य के वक्ष पर

अपने रेशमी केश छितरा दिये हैं

वह चाहती तो 

अतीत के झुके हुए कंधे पर सिर रख देती

उसकी दायें हाथ की हथेली को 

अपने बाएँ हाथ के वर्तमान में थाम

देह की सरसराहट को 

अज्ञेय कामनाओं को थमा देती। 

 

उसने बिना एक शब्द उच्चारे कहा

देह में जो गमकता है

वह इत्र-फुलेल नहीं 

रूह में सदियों से रिसता रसायन हैं।

 

उसे भली-भांति पता है  

प्यार का कोई निर्जन द्वीप कहीं नहीं

सिर्फ युगीन चेष्टाओं की भुतहा सराय हैं

उसमें शायद कोई नहीं रहता

भयावह पदचाप को अनसुना करता जीवन

उसके नजदीक से बार-बार दबे पाँव  गुजर जाता  है।

 

मोची राम

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