बुधवार, 10 मार्च 2021

अनंतिम बयान

अनंतिम बयान  

 

मेरे अहद की जवान लडकियाँ

अब नहीं देखती अंतरंग ख्वाब

वे अपनी कच्ची नींद में

अलसभोर सीखती हैं

परफेक्ट फंदा लगाने का इल्म

लिखती है सुसाइड नोट जैसा कुछ

मृत्युपूर्व का अनंतिम बयान।

 

लड़कियों के लिए जिन्दगी जटिल हुई जाती है

उनके पास अब जिन्दा बचे रहने की अपेक्षा

चैन से जान गंवा देने की वजह अधिक मौजूद हैं

मौका मिलते ही कोई न कोई सफेदपोश

कहीं न कहीं दिख ही जाता है

पैने नाखून और सख्त जबड़े वाले भेड़िये में

गुपचुप परकाया प्रवेश करता।

 

सभ्रांतजन रात-दिन चिंता के घटाटोप में उतराते

लडकियों के लिए तय करते हैं ड्रेस कोड

उनकी देह के उन हिस्सों की करते हैं शिनाख्त

जिनका बेवजह उघड़े रह जाना

अनियंत्रित रेडियोधर्मिता के रिसाव से भी अधिक

शांतिपूर्ण जीवन बिता रही प्रजा

और स्वछंद सम्राट के लिए 

जानलेवा मसला है।

 

इक्कीसवीं शताब्दी के

तीसरे दशक की तमाम लड़कियां

ठीक से जवान या अधेड़ हुआ बिना

जल्द से जल्द बुढा जाने की फ़िराक में हैं

कंक्रीट के अरण्य में आक्रांत लड़कियाँ

जवान दिखने से बेतहाशा कतराती हैं।

 


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मोची राम

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