रविवार, 4 अप्रैल 2021

राजा का सच


 कविता के लोकतंत्र में

राजा खुलेआम निकलता है
मौलिक नँगई का राजदण्ड लिए
नंगे को नंगा कहने वाला बच्चा
पोर्नोग्राफी पर निगाह गड़ाये है
ज़रा -सी फुरसत मिले
तो दोबारा सच बोले.

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