रविवार, 25 अप्रैल 2021

रात की बात

 

 


रात घिर आई  

बाहर चांदनी छिटकी हुई है

चाँद वैसा ही जैसा हुआ करता  

दिन भर खूब डर लिए

अपने डर से लोगों को खूब डरा दिया.

 

अब बस भी करो ....

कच्ची नींद में जग जाने की वजह से

अधूरे रह गए सपनों को नए सिर से देखें ..

सुबह जब होगी तब होगी .

 

रात के एक एक पल को ठीक से जी लें

रात हमेशा सनसनीखेज नहीं होती

बेहद शांत और सहृदय भी होती है .

कल जो होगा देखा जायेगा.

 

फ़िलहाल आज को

उसकी तात्कालिकता में तो महसूस कर लें .

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मोची राम

छुट्टियों में घर आए बेटे

बेटे छुट्टियाँ पर घर आ रहे हैं ठण्ड उतरा रही है माहौल में   धीरे-धीरे खबर है , अभयारण्य में शुरू हो चली है लाल गर्दन वाले बगुलों की आम...