शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

वह अभी अभी आया है

वह अभी अभी आया है
सात समन्दर को लाँघ
अपनी समृद्धि की कीर्ति ध्वजा फहराता
चमक दमक लहराता
माँ के लिए ढेर सारी डार्क चॉकलेट ,
दिव्य खुशबू में लिपटे टिशु पेपर ,
ब्लडप्रेशर मापने की मशीन ,
ग्लूकोमीटर और
अपनी कामयाबी के किस्से  लिए .

वह अभी अभी आया हैं
साकार हो गए सपनों  में तैरता हुआ
गुरुत्वीय आकर्षण को धता बताता  
माँ को विस्मित कर देने की चाहत लिए .

वह अभी अभी आया है
माँ को अपने आने की खबर दिए बिना
इस  उम्मीद के साथ कि
उसके बिना  बताये ही 
माँ उसके आने की भनक पा लेगी
और मिलेगी घर के चौखट पर खड़ी
सूती धोती के किनारे से
पनीली आँखों को पोंछती .

वह अभी अभी आया है
और हैरान है यह देख कर
माँ घर में मौजूद है
देख कर भी उसे न देखते हुए
एकदम खामोश
कुछ भी जानने सुनने
जताने के  मोह से परे
एक एक साँस को इस एहतियात से लेती
मानो वह निकल आई  हो देह  से परे .

वह अभी अभी आया है
माँ घर के अपने कमरे में
बिछी चारपाई के उड़न खटोले पर बैठ
निकल चुकी है परिलोक की सैर पर
जहाँ उसे  किसी की चाहत नहीं
किसी का इंतजार नहीं .

वह अभी अभी आया है
प्रवास का मिनट दर मिनट
पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम लिए
उसे वापस लौटने की कोई
हड़बड़ी  न होने के बावजूद
यहाँ से लौटना ही होगा
तय समय से पूर्व प्लेटफार्म छोड़ चुकी
रेलगाड़ी के मुसाफिर की तरह .

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मोची राम

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